Our Services

Our Core Services

🌳कृषि

यदि यह किसी खेत या क्षेत्र में होता है, तो बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए ग्लोबल कृषि संस्थान आपके साथ काम करता है।

🌵प्राकृतिक संसाधन

प्राकृतिक संसाधनों का विस्तार संस्थान व्यक्तियों, समुदायों और राज्य, समृद्ध जल, खनिज भूमि और वानिकी संसाधनों के साथ सह-अस्तित्व में मदद करता है इसके प्रति दायित्व समझने में ग्लोबल फाउंडेशन मदद करता है।

🌲 स्वस्थ भोजन और सक्रिय जीवन

समुदायों को सुलभ और सुरक्षित शारीरिक गतिविधि स्थान और खाद्य स्रोत प्रदान करने में सहायता करना।

🌴फ़ूडवाइज़

अच्छी आय वाले परिवारों के लिए स्वस्थ खान-पान की आदतों और सक्रिय जीवनशैली को आगे बढ़ाने के लिए पोषण शिक्षा प्रदान करना।

🌱शारीरिक स्वास्थ्य

स्वास्थ्य और कल्याण के लिए ग्लोबल फाउंडेशन स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए ग्लोबल से जुड़े परिवारों में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए काम करता है। हमारे शोध-आधारित कार्यक्रम खाद्य और पोषण सुरक्षा, पुरानी बीमारी की रोकथाम, मानसिक स्वास्थ्य संवर्धन, मादक द्रव्यों के उपयोग की रोकथाम और स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच पर केंद्रित हैं। शहरी और ग्रामीण दोनों परिवारों में निहित, हम राज्य की सबसे महत्वपूर्ण कल्याण आवश्यकताओं को हल करने में मदद करने के लिए और यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं कि सभी परिवारों को स्वस्थ जीवन जीने का अवसर मिले।

🦚 मुफ्त छात्र इंटर्नशिप

मनोरंजक, व्यावहारिक इंटर्नशिप गतिविधियों में संलग्न होकर युवाओं को सफल भविष्य के लिए तैयार करना

🌿सामुदायिक विद्यार्थी विकास इंटर्नशिप

सामुदायिक वातावरण का निर्माण करना जहां ग्लोबल कृषि इंटर्नशिप के विद्यार्थी कल के प्रभावी, सहानुभूतिपूर्ण वयस्कों के रूप में विकसित हों।

🌲फसलें और मिट्टी

ग्लोबल के फसल उत्पादकों और उनके कृषि सलाहकारों को फसलों का कुशलतापूर्वक और लाभप्रद ढंग से प्रबंधन करने में मदद करने के लिए समय पर संसाधन और जानकारी प्रदान करना

🌳 डेरी

शिक्षा और अनुसंधान में राज्यव्यापी नेतृत्व के माध्यम से ग्लोबल डेयरी उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता को मजबूत करना

🌱फार्म प्रबंधन

किसानों और कृषि व्यवसायों को अनुसंधान-आधारित कृषि व्यवसाय प्रबंधन जानकारी, संसाधन और निर्णय लेने के उपकरण प्रदान करना

🌵ग्लोबल बागवानी

मिट्टी से लेकर पेड़ों तक, पानी की गुणवत्ता से लेकर पौधों के स्वास्थ्य तक और बीच के हर कीट तक सब कुछ कवर करना

🌴 पशु

किसानों, उपभोक्ताओं और संबद्ध उद्योग को मुर्गीपालन, भेड़ और बकरी, घोड़े, सूअर और मांस विज्ञान के बारे में सूचित निर्णय लेने में मदद करना

🌱: डिस्कवरी फार्म

ग्लोबल फार्मों के विविध समूह पर कृषि पद्धतियों के प्रभावों को निर्धारित करने के लिए फार्म और संबंधित अनुसंधान को शिक्षित करना और विकसित करना

🌿 ग्लोबल मास्टर माली

जनता को बागवानी और प्राकृतिक संसाधनों के बारे में शिक्षित करने और सार्थक सामुदायिक कार्यक्रम प्रदान करने में मदद करने के लिए स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित करना

🌲कृषि जल गुणवत्ता

कृषि उत्पादन प्रथाओं और जल गुणवत्ता परिणामों के बीच संबंधों पर किसानों, फसल सलाहकारों और संरक्षण पेशेवरों के लिए शैक्षिक सामग्री प्रदान करना

🐅 कृषि क्षेत्र

🐅 कृषि क्षेत्र में ग्लोबल फाउंडेशन सोसायटी एक महत्वपूर्ण हिस्सा निभाती है, चाहे वह शहरी हो या ग्रामीण, नौकरियों और आय दोनों में योगदान करती है।

मधुमक्खी पालन

ग्रामीण क्षेत्रों में जहां रोजगार के साधन कम प्राप्त होते हैं, वहीं परागण के माध्यम से फसलों से होने वाली आय और गुणवत्ता में वृद्धि के साथ-साथ, मधुमक्खी पालन से शहद और मोम जैसे उत्पाद भी प्राप्त किए जा सकते हैं। मधुमक्खी पालन किसानों के लिए अनुकूल व्यवसाय के रूप में एक सही विकल्प है।

औषधीय पौधों की खेती

नई फसलों में किसानों के बीच सबसे ज्यादा लोकप्रिय औषधीय पौधों की खेती है। इन पौधों की खास बात यह है कि इनका दवा बनाने के साथ-साथ अन्य कई जरूरी कार्यों में उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, कम लागत में इन औषधीय फसलों की अच्छी कीमत मिल जाती है।

सूरजमुखी की खेती

सूरजमुखी की खेती के कई फायदे हैं, जिनमें इनके कटे हुए फूल और मुफ्त खाने योग्य बीज शामिल हैं। वे आपकी फसल को बेहतर बनाने के लिए कीट-संरक्षक पक्षियों और मधुमक्खियों को भी आकर्षित करते हैं, और यहां तक कि दूषित मिट्टी को डिटॉक्स करने में भी मदद करते हैं। सूरजमुखी की खेती कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, तमिलनाडु और बिहार में बड़े स्तर पर की जा रही है।

प्राकृतिक झाड़ू उत्पादन

भारतीय परिवेश में प्राकृतिक झाड़ूओं का अपना ही महत्व है। हमारे यहां सीक झाड़ू और फूल झाड़ू का प्रचलन है। भारतीय बाजारों में झाड़ू की मांग वर्षभर लगभग एक समान बनी रहती है और दीपोत्सव के समय तो इसकी बंपर बिक्री होती है।

मूंगफली की खेती

मूंगफली भारत की महत्वपूर्ण तिलहनी फसल है। यह लगभग सभी राज्यों में होती है, लेकिन जहां उपयुक्त जलवायु होती है, वहां इसकी फसल बेहतर होती है। सूर्य की अधिक रोशनी और उच्च तापमान इसकी बढ़त के लिए अनुकूल माने जाते हैं। अच्छी पैदावार के लिए कम से कम 30 डिग्री सेल्सियस तापमान होना आवश्यक है। मूंगफली की खेती वर्षभर की जा सकती है, लेकिन खरीफ सीजन में जून माह के दूसरे पखवाड़े तक इसकी बुवाई की जानी चाहिए।

बटेर पालन

मुर्गी और बत्तख पालन करने वालों के पास बटेर पालन का एक अच्छा विकल्प है। हाल के वर्षों में बाजार में बटेर के अंडे और मांस की मांग काफी बढ़ी है। मुर्गी और बत्तख पालन के मुकाबले बटेर पालन में लागत काफी कम आती है, जबकि मुनाफा ज्यादा होता है। अपने देश में बटेर का शिकार प्रतिबंधित है, लेकिन सरकार से लाइसेंस लेकर यह काम किया जा सकता है।

पौध नर्सरी

कम पैसे में बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो पौध नर्सरी एक अच्छा विकल्प है। शहरीकरण के चलते जमीन की उपलब्धता दिन-ब-दिन घट रही है। लोग बागवानी का शौक पूरा करने के लिए घरों की बालकनी का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसलिए घरों में गमलों में लगाए जाने वाले पौधों की मांग बढ़ रही है। अब तो लोग गमलों में सब्जियां तक लगा रहे हैं। पौध नर्सरी शुरू करने के लिए क्या करना होगा, आइए जानते हैं।

प्रशिक्षण

प्रशिक्षण

  • वर्मी कम्पोस्ट (केंचुआ खाद) उत्पादन से संबंधित प्रशिक्षण।
  • मशरूम की खेती से संबंधित प्रशिक्षण।
  • वृक्षारोपण व्यवसाय से संबंधित प्रशिक्षण।
  • डेयरी व्यवसाय से संबंधित प्रशिक्षण।
  • मधुमक्खी पालन (शहद की खेती) का प्रशिक्षण।
  • कुक्कुट पालन से संबंधित प्रशिक्षण।
  • औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती से संबंधित प्रशिक्षण।
  • रबी, खरीफ, और ज़ायद फसलों से संबंधित प्रशिक्षण।
  • समेकित कीट, रोग, खरपतवार, और पोषक तत्व प्रबंधन पर प्रशिक्षण।
शोध

शोध

संस्थान के शोध का मुख्य उद्देश्य कृषि, बागवानी, सब्जी उत्पादन, वानिकी, पशुपालन, और मत्स्य पालन में उत्पादकता को अधिकतम करना है। विभिन्न कृषि शोध विषयों को नर्सदा (बल्लिराई), सुल्तानपुर में मुख्य शोध केंद्र और उप-शोध केंद्रों की सहायता से संबोधित किया जाता है।

विस्तार

विस्तार

संस्थान ने अपनी विस्तार सेवाओं के माध्यम से कृषि और ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। संस्थान की जिम्मेदारियों में शामिल हैं:
अधिकारियों, कर्मचारियों, और विस्तार कर्मियों के लिए आवश्यक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का निर्माण और संचालन। किसानों, महिला किसानों, पशुपालकों, बेरोजगार व्यक्तियों, और स्कूल छात्रों के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन। अनुसंधान वैज्ञानिकों द्वारा विकसित तकनीकों के फ्रंटलाइन प्रदर्शन का आयोजन, किसानों की भागीदारी के साथ उनका मूल्यांकन और शोधन ताकि वे व्यापक रूप से अपनाए जा सकें और स्वीकार किए जा सकें।

सामुदायिक विकास

ग्लोबल फाउंडेशन सोसाइटी नेताओं, समुदायों, और संगठनों को उनकी पूरी क्षमता से काम करने में मदद करने के लिए शैक्षिक कार्यक्रम और प्रशिक्षण प्रदान करेगी। एक सफल कृषि और अन्य व्यवसाय चलाना दिन-ब-दिन अधिक चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है, और वर्तमान आर्थिक स्थिति कई खेतों को आर्थिक रूप से प्रभावित कर रही है। हम कम लागत पर अच्छे मुनाफे को प्राप्त करने के लिए पहल की योजना बना रहे हैं।

बीजोत्पादन कार्यक्रम

मध्यम जोत के किसानों के लिए ग्लोबल फाउण्डेशन सोसायटी द्वारा स्थापित ग्लोबल सीड्स का बहुत लाभकारी कार्यक्रम है, जिसमें आप धान, गेहूँ, दलहन व तिलहन की खेती बीज उत्पादन के लिए कर सकते हैं।
पात्रता व शर्तें - न्यूनतम रकबा 25 एकड़ प्रति गाँव (क्षेत्र), अधिकतम किसानों की संख्या-15, रजिस्ट्रेशन शुल्क-150 रू० प्रति एकड़ + प्रमाणीकरण शुल्क

लाभ कृषि वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों की देखरेख में मानक के अनुसार आधारीय बीज की बुआई से पैदावार में 25 से 50 प्रतिशत तक अधिक उत्पादन प्राप्त करते हैं। पुर्नखरीद अनुबन्ध के तहत एम.एस.पी. • या बाजार भाव से (जो भी अधिक हो) 10 प्रतिशत अधिक मूल्य देकर खरीद लिया जाता है, जिससे आपकी आय में अप्रत्याशित वृद्धि होती है।

seeds
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किसान उत्पादक संगठन (F.P.O.)

इससे किसानों को आपसी सहयोग से फसलों की खरीद बिक्री करने में आसानी होती है। इस योजना के तहत सरकार 2023-24 तक देश भर में 10 हजार नये कृषि उत्पादक संगठन बनाने का लक्ष्य रखा है, जिससे अधिक से अधिक किसानों के हितों की रक्षा की जा सके और उन्हें फसलों का उचित मूल्य व सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का लाभ मिल सके।

पात्रता व शर्ते :- 1) आवेदक पेशे से किसान होना चाहिए।
2) आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए।
3) न्यूनतम सदस्यों की संख्या 10 (5 पदाधिकारी व 5 सदस्य)
4) मैदानी क्षेत्र में 1 एफ.पी.ओ. मैं कम से कम 300 सदस्य होने चाहिए
5) प्रत्येक किसान के पास स्वयं की कृषि योग्य भूमि होना अनिवार्य है।
एवं उसे समूह का हिस्सा होना भी अनिवार्य है
परामर्श शुल्क : 205/- रुपये प्रति

ग्लोबल मृदा स्वास्थ्य अभियान

उन्नत कोष , खुशहाल किसान, समृद्ध भारत
मिट्टी की जाँच - फसलों से अधिक उपज लेने के लिए यह जानना आवश्यक हो जाता है कि मिट्टी में कौन-कौन से पोषक तत्व कितनी मात्रा में उपलब्ध हैं, खेती की मिट्टी कौन-कौन से फसल के लिए उपयुक्त है। मिट्टी की अम्लीयता, क्षारीयता (पी.एच.) विद्युत चालकता जानने के लिए यह गुणवत्ता और पैदावार बढ़ाने के लिए आवश्यक सूचनाएं देता है। मृदा परीक्षण भूमि में पहले से उपस्थित पोषक तत्वों का लाभ उठाते हुए फसलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उर्वरक ही उचित और पर्याप्त मात्रा में खुराक का अनुप्रयोग सुनिश्चित करेगा।
नमूना लेने की विधि - चुनी हुई जगह के ऊपरी सतह से घास-फूस हटादें। सतह से 15 सेंटी मीटर गड्ढा खोदकर खुरपे से एक तरफ से ऊंगली की मोटाई तक का ऊपर से नीचे तक नमूना काट लें। मिट्टी को बाल्टी या टब में इकट्ठा कर लें इसी तरह सभी स्थानों से नमूना इकट्ठा करें व मिला लें।
शुल्क - सामान्य जाँच 100 रु. प्रति नमूना, सूक्ष्म जाँच 250 रु. प्रति नमूना

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ग्लोबल फाउण्डेशन सोसायटी

उन्नत कोष, खुशहाल किसान, समृद्ध भारत
द्वारा संचालित किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम (कृषि वैज्ञानिक/विशेषज्ञ आपके द्वार) शुल्क-न्यूनतम 20 किसान (महिला/पुरुष) 100 रु. प्रति किसान मशरूम उत्पादन
आवश्यक सामग्री : गेहूँ का भूसा, गेहूँ का चोकर, खाद, कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट, यूरिया, पोटास, सिंगल सुपर फास्फेट, शीरा लाभ : खर्च से तीन गुना कमाई, 50 से 60 हजार लगाकर 1 वर्ष में 3-4 लाख की कमाई हो जाती है